The Fact About सफेद मूसली के लाभ That No One Is Suggesting

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मूसली खाने से इम्यून सिस्टम उत्तेजित होता है। इसे लेने से बार बार होने वाले इन्फेक्शन में कमी आती है। मूसली में कार्बोहाइड्रेट, एल्कालोइड, सैपोनिन और प्रोटीन आदि होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार के लिए प्राकृतिक दवा है।

यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होने वाला रोग है जो यौन संपर्क की वजह से होता है। समय पर उपचार ना करवाया जाये तो नपुंसक होने की संभावना भी होती है। इसके लिए सफेद मूसली के चूर्ण का सेवन करें आपको लाभ मिलेगा।

सेक्‍स ड्राइव बढ़ाने के लिए - अगर कोई पुरूष अपनी सेक्स लाइफ को सही तरीके से एन्जॉय नहीं कर पा रहा है और उतेज्जना की कमी से जूझ रहा है, तो इसके लिए सफेद मूसली का सेवन मिश्री और दूध के साथ करना चाहिए। इससे आपकी शरीर की कामोत्तेजना फिर से पहले जैसी हो जाएगी।

सफेद मूसली पाउडर, मूसली पाक का सेवन कर सकते है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार सफेद मूसली मुख्य रुप से पित्तशामक और वातशामक है लेकिन यह कफ दोष को बढ़ाती है। इसी वजह से कफ संबंधी समस्याओं में इससे परहेज करना चाहिए। सफेद मूसली में कामोत्तेजक गुण होते हैं और यह शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी बीमारियों में बहुत उपयोगी साबित होती है। आइये जानते हैं कि यौन विकारों समेत सफेद मूसली और किन किन समस्याओं में उपयोगी है और Source कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए।

स्रोत- बिहार राज्य बागवानी मिशन, बिहार सरकार

इसे खाने के बहुत से अलग - अलग तरीक है। कई प्रकार की विधि से इसका सेवन किया जा सकता है। जानिये सफ़ेद मूसली खाने का तरीका

आधा-आधा चम्मच मूसली पाक दिन में दो बार ले सकते है।

एक मजबूत कामोत्तेजक होने के अलावा, सफ़ेद मुसली का उपयोग प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में भी शामिल हो सकता हैं। यह शरीर को बीमारियों से लड़ने की एक बढ़ी हुई क्षमता प्रदान कर सकता हैं। यह संक्रमण से लड़ने और आपको स्वस्थ रखने में भी मदद कर सकता हैं।

तो बेहतर है कि सफेद मूसली के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। क्योंकि इसका सेवन शरीर पर निर्भर करता है कि किस व्यक्ति को किस मात्रा में मूसली का सेवन करना चाहिए।

नपुंसकता से बचाव - सफेद मूसली से वीर्य का उत्पादन होता है यह नपुंसकता को दूर कर वीर्य की गुणवत्ता को सुधारती है। इसके नियमित सेवन से नपुंसकता का खतरा कम हो जाता है। गाय के दूध में एक से डेढ़ चम्मच मूसली पाक मिलाकर दिन में दो बार पिएं।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि सफेद मूसली शुक्राणुओं की संख्या (स्पर्म काउंट) बढ़ाने में मदद करती है , हालांकि इसके वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलते हैं। लेकिन यह बात पूरी तरह सच है कि सफेद मूसली के सेवन से स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार होता है और इससे शुक्राणुओं की गतिशीलता बढ़ती है जिससे शुक्राणु पूरी तरह स्वस्थ रहते हैं।

सफेद मुसली की फसल में कोई विशेष बीमारी नहीं लगती है अतः किसी प्रकार के कीटनाशकों का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है।

मूसली शुक्र का पोषण करती है और बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक है। मूसली में सैपोनिन और स्टिगमास्टरोल होते हैं, जिन्हें स्पर्मेटोजेनेसिस की प्रक्रिया को उत्तेजित करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसे खाने से शुक्राणु गतिशीलता की तुलना में वीर्य मात्रा और शुक्राणुओं की संख्या में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं।

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